राजस्थान सरकार: यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए भजनलाल शर्मा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विशेष रूप से, नौ मंजिला (9-Storey) बस स्टैंड की योजना एक आधुनिक दृष्टिकोण को दर्शाती है। कोटा शहर के नयापुरा बस स्टैंड पर एक नया भवन निर्माण किया जाएगा, जो बीओटी (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) मोड में होगा।
शहर की बढ़ती जनसंख्या और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, इसे अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक मॉडल परिवहन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार ने बजट में कोटा के लिए नए बस स्टैंड की घोषणा की थी, जिसके तहत इस परियोजना का कार्य प्रारंभ हो चुका है। बस स्टैंड बनाने वाली कंपनी ने स्थानीय सर्वेक्षण के आधार पर एक डिज़ाइन तैयार किया है, जिसे उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत किया गया है। जयपुर में भी एक बस स्टेशन का निर्माण किया जाएगा।
नया बस स्टेशन की विशेषताएँ
डिज़ाइन के अनुसार, बेसमेंट के ऊपर एक कैश सेक्शन, एटीएम और अन्य सुविधाएं होंगी। ऑफिस सेकंड फ्लोर पर होगा, जबकि होटल, मॉल, रेस्तरां और अन्य सुविधाएं छह मंजिलों पर स्थित होंगी। इसमें पार्किंग और इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी शामिल होंगे। प्रस्तावों की स्वीकृति के बाद बस स्टैंड का निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। यह परियोजना पूरी होने पर कोटा बस स्टैंड एक आदर्श परिवहन केंद्र बन जाएगा।
नया बस स्टैंड क्यों आवश्यक है
कोटा शहर की निरंतर वृद्धि को देखते हुए, वर्तमान में संजय गांधी नगर रोडवेज बस स्टैंड भी है। नयापुरा बस स्टैंड पुराना हो चुका है, जिसमें कई जगह प्लास्टर उखड़ गया है। बाढ़ के कारण भी बस स्टैंड में पानी भर गया था, जिससे स्थिति और खराब हो गई है। नयापुरा बस स्टैंड शहर के केंद्र में है, लेकिन संजय गांधी नगर में नया बस स्टैंड यात्रियों के लिए अधिक सुविधाजनक है।
निजी-सार्वजनिक भागीदारी के तहत बीओटी मोड पर नयापुरा में एक नया नौ मंजिला भवन बनाया जाएगा। निर्माण करने वाली कंपनी ने सर्वेक्षण पूरा कर लिया है और डिज़ाइन प्रस्ताव उच्च स्तर पर भेजा गया है। योजना की स्वीकृति के बाद कार्य प्रारंभ होगा।
नए भवन की विशेषताएँ
गुजरात मॉडल पर आधारित, जो कुशलता और सुव्यवस्था सुनिश्चित करेगा।
हेरिटेज लुक में निर्माण, जो राजस्थानी कला और संस्कृति को दर्शाएगा।
यात्रियों के लिए एटीएम, रेस्टोरेंट, कैफे, चार्जिंग स्टेशन, और एसी वेटिंग हॉल जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इस परियोजना की लागत लगभग 200 करोड़ रुपये अनुमानित है।
यह सुविधा केवल कोटा में नहीं, बल्कि उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बीकानेर और अलवर जैसे प्रमुख शहरों में भी लागू की जाएगी।
इस प्रोजेक्ट की योजना और कार्यान्वयन के लिए एक सलाहकार कंपनी की नियुक्ति भी की गई है।
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