सूर्य की संक्रांति के दौरान कुछ उपाय करना लाभकारी माना जाता है। यदि किसी की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में है या अशुभ ग्रहों की दृष्टि है, तो उन्हें अपनी राशि के अनुसार उपाय अवश्य करने चाहिए। आइए जानते हैं कि सूर्य की कर्क संक्रांति और बुधादित्य राजयोग का किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
राशियों के लिए विशेष प्रभाव मेष:
सूर्य का कर्क राशि में गोचर आपके लिए शुभ और फलदायी है। इससे जीवन में उन्नति होगी, करियर में सफलता मिलेगी और व्यापार में लाभ होगा। आर्थिक स्थिति भी मजबूत रहेगी। जीवनसाथी के साथ तालमेल बना रहेगा। उपाय: प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य दें और मसूर तथा गुड़ का दान करें।
वृषभ:
सूर्य का कर्क राशि में गोचर सामान्यतः फलदायी है। भाग्य का साथ मिलेगा और आय में वृद्धि होगी। परिवार के साथ संबंध बेहतर होंगे, लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उपाय: सूर्याष्टक का पाठ करें और जल में अक्षत डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
मिथुन:
सूर्य का कर्क राशि में गोचर उत्साहवर्धक है। करियर में उन्नति होगी और व्यावसायिक यात्रा का अवसर मिलेगा। सावधानी बरतें। उपाय: सूर्य को दूर्वा मिश्रित जल से अर्घ्य दें और 'ॐ रवये नमः' का जाप करें।
कर्क:
सूर्य इसी राशि में गोचर कर रहे हैं। ये दिन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। अहंकार और क्रोध से बचें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उपाय: प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें।
सिंह:
सूर्य का कर्क राशि में गोचर शुभ है। करियर में सफलता मिलेगी, लेकिन व्यापार में घाटा हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उपाय: आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
कन्या:
सूर्य का कर्क राशि में गोचर मिले-जुले परिणाम देगा। करियर में दबाव रह सकता है। आर्थिक समस्याएँ हो सकती हैं। उपाय: सूर्य चालीसा का पाठ करें।
तुला:
सूर्य का कर्क राशि में गोचर लाभकारी है। आर्थिक लाभ के अवसर मिलेंगे। उपाय: प्रतिदिन अपने पिता के चरणों में गिरकर दिन की शुरुआत करें और 'ॐ हिरण्यगर्भाय नमः' का जाप करें।
वृश्चिक:
सूर्य का कर्क राशि में गोचर चुनौतीपूर्ण रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी, लेकिन मेहनत करनी होगी। उपाय: सूर्य को केसर और लाल पुष्प मिलाकर जल अर्पित करें।