2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के जरिए वंचितों को जोड़ने का प्रयास शुरू किया है। इसके जरिए पार्टी दलित वोट बैंक को साधने की तैयारी में है और साथ ही आरक्षण खत्म करने और संविधान बदलने के विपक्ष के दावे को भी ध्वस्त करना चाहती है।
यही वजह है कि भाजपा ने सबसे पहले डॉ. अंबेडकर जयंती मनाने का फैसला किया है। दलित और अति पिछड़े युवाओं को एक साथ लाने के लिए पार्टी ने रविवार को मैराथन का भी आयोजन किया।
लोकसभा चुनाव में हार
2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले से भाजपा को बड़ा नुकसान होगा। प्रदेश में लोकसभा चुनाव में पिछड़ने के बाद भाजपा वंचित और पिछड़े वर्ग को पार्टी से जोड़ने के लिए नए-नए तरीके अपना रही है।
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