कई लोग शादी के बाद भी विवाहेतर संबंध रखते हैं। वे ऐसा कई कारणों से करते हैं। यह एक जटिल विषय है, जिसमें भावनात्मक, मानसिक और कभी-कभी सामाजिक या शारीरिक कारण शामिल होते हैं। आइये नीचे इससे संबंधित चार मुख्य कारणों को समझने का प्रयास करें। ऐसे में कभी-कभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि आपको ऐसा कदम उठाना पड़ता है। लेकिन कई लोग सब कुछ ठीक होने के बाद भी ऐसा कदम उठा लेते हैं।
1. भावनात्मक असंतोष या उपेक्षाजब किसी व्यक्ति को अपने जीवनसाथी से भावनात्मक जुड़ाव, अपनापन या समझ नहीं मिलती, तो वह किसी और के प्रति आकर्षित हो सकता है। यह भावनात्मक शून्यता उसे बाहरी रिश्तों की ओर धकेल सकती है।
2. शारीरिक असंतोषयदि शारीरिक संबंध में असंतोष हो, जैसे रोमांस की कमी, इच्छा में अंतर या एकरसता, तो कुछ लोग शारीरिक सुख की पूर्ति के लिए विवाहेतर संबंध बना लेते हैं।
3. उत्साह और नवीनता की इच्छाकई बार लंबे समय तक रिलेशनशिप में रहने के बाद लोग नवीनता, रोमांच और उत्साह की तलाश में विवाहेतर संबंधों की ओर आकर्षित होते हैं। इसे "नवीनता प्रभाव" कहा जाता है, जो किसी नए व्यक्ति में रुचि पैदा करता है।
4. प्रासंगिक अवसर और सामाजिक प्रभावयदि किसी व्यक्ति के आस-पास ऐसा माहौल है जहां विवाहेतर संबंध सामान्य माने जाते हैं, या कार्यस्थल या सोशल मीडिया पर आकर्षण है, तो यह भी एक कारण हो सकता है। इसके अलावा, कुछ लोग अवसर मिलने पर भी अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते।
5. बदला या प्रतिक्रियाकभी-कभी कोई व्यक्ति अपने जीवनसाथी की बेवफाई या उपेक्षा के कारण विवाहेतर संबंध में लिप्त हो जाता है। यह एक प्रकार का “भावनात्मक प्रतिशोध” है। इनी दर्द का बाब दर्द से देना. ये रिश्ते आमतौर पर क्रोध या आहत भावनाओं का परिणाम होते हैं, और बाद में पछतावे का कारण भी बन सकते हैं।
6. अवसर और परिस्थितिसोशल मीडिया, कार्यस्थल और डिजिटल मीडिया ने आजकल लोगों से जुड़ना आसान बना दिया है। जब अवसर अधिक हों और सीमाएं कमज़ोर हों, तो लोग जल्दी ही आकर्षण में आ जाते हैं।
कभी-कभी शराब, यात्रा या अकेलेपन के कारण अस्थायी रिश्ते बन जाते हैं जो भावनात्मक रूप से गहरे संबंधों में बदल जाते हैं।
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