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भारी बारिश और बादल फटने से किश्तवाड़ में हाहाकार, हादसे में 30 लोगों की मौत, 75 घायल और दो पुल क्षतिग्रस्त

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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के चिशोती गाँव में बादल फटने की घटना सामने आई है, जिसमें जान-माल के नुकसान की आशंका है। यह घटना मचैल माता यात्रा मार्ग पर स्थित पाडर उपमंडल में हुई। बचाव अभियान जारी है। प्रशासन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए टीमें भेजी हैं। अधिकारियों का कहना है कि किश्तवाड़ में बादल फटने से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका है।

30 शव बरामद किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, बादल फटने की घटना के बाद चिशोती गाँव में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे कई घरों को नुकसान पहुँचा है। अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जान-माल के नुकसान की आशंका है।
ज़िला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं। दोनों पुल, लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई पुल, क्षतिग्रस्त हो गए हैं। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि मचैल माता यात्रा के शुरुआती बिंदु चशोती इलाके में अचानक बाढ़ आ गई। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।

विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा और स्थानीय विधायक घटनास्थल का दौरा कर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन स्थिति का जायजा लेने में जुटा हुआ है।केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विपक्ष के नेता और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा से एक तत्काल संदेश मिलने के बाद, उन्होंने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की। चोसिटी इलाके में भीषण बादल फटा है, जिससे भारी जनहानि होने की आशंका है। प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। नुकसान का आकलन किया जा रहा है और आवश्यक बचाव एवं चिकित्सा प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल कार्यालय ने ट्वीट किया, "चोसिटी किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से दुखी हूँ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना। नागरिक, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अधिकारियों को बचाव और राहत कार्यों को और तेज़ करने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।"जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के चिशौती गाँव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। लगभग 20 लोगों को बचा लिया गया है, जबकि कई लोग लापता हैं और नुकसान का पूरा आकलन अभी बाकी है। पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है और घटनास्थल किश्तवाड़ मुख्यालय से लगभग 80-90 किलोमीटर दूर है। मचैल माता यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है और एम्बुलेंस और बचाव वाहन लगातार घटनास्थल पर भेजे जा रहे हैं।

बादल फटने के कारण भारी बारिश और बाढ़ आ गई, जिससे लंगर, दुकानें और एक सुरक्षा चौकी बह गई। कई घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रशासन ने तुरंत बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया है। एनडीआरएफ की दो टीमें भी मौके पर भेजी गई हैं।उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद और भाजपा नेता जहाँज़ैब सिरवाल ने घटना पर शोक व्यक्त किया और सरकार से शीघ्र राहत कार्य चलाने की अपील की।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना को बेहद दुखद बताया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाकों में ऐसी घटनाएँ अब आम हो गई हैं। उन्होंने उत्तराखंड और रामबन में हुई पिछली घटनाओं का भी ज़िक्र किया। फारूक अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर मौके पर पहुँचकर घायलों को बचाएँगे और बचाव अभियान में तेज़ी लाएँगे। उन्होंने मृतकों की संख्या कम होने की उम्मीद जताई और इस मुश्किल घड़ी में सभी राहतकर्मियों के प्रयासों की सराहना की।जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना में कई लोगों की मौत की खबर बेहद दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूँ और राहत एवं बचाव कार्यों में सफलता की कामना करता हूँ।

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