केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड कानून में प्रस्तावित बदलावों को लेकर देशभर में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसी कड़ी में कटिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने पटना में आयोजित एक सभा के बाद इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने केंद्र सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि यह कानून एक धर्म विशेष के लोगों के संवैधानिक अधिकारों को छीनने की कोशिश है।
तारिक अनवर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम धार्मिक आज़ादी और अल्पसंख्यकों की संपत्तियों पर हस्तक्षेप करने की कोशिश है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
"धार्मिक पहचान मिटाने की कोशिश"सांसद ने कहा,
“वक्फ की संपत्तियां सदियों से धार्मिक और सामाजिक कार्यों में इस्तेमाल होती रही हैं। अब केंद्र सरकार इन पर कानून के बहाने कब्जा जमाने और धार्मिक पहचान मिटाने की साजिश कर रही है। यह संविधान में मिले अधिकारों पर खुला हमला है।”
उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की सामाजिक और शैक्षणिक उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इन पर सरकारी नियंत्रण सांप्रदायिक एजेंडे का हिस्सा है।
विपक्ष से की एकजुट होने की अपीलतारिक अनवर ने सभी विपक्षी दलों से एकजुट होकर इस कानून का विरोध करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक उठाएगी और जरूरत पड़ी तो न्यायालय का भी सहारा लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक समुदाय का मामला नहीं है, बल्कि देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने पर सीधा प्रहार है।
क्या है विवाद?"आज वक्फ बोर्ड है, कल किसी और धार्मिक संस्था को निशाना बनाया जाएगा। हमें मिलकर इस मानसिकता का विरोध करना होगा।"
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम की समीक्षा और उसमें संशोधन की चर्चाएं तेज हुई हैं। इस पर कई मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। उनका मानना है कि इससे वक्फ की स्वायत्तता प्रभावित होगी और धार्मिक संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ेगा।
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