शिवपुरी, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । शिवपुरी जिले में हो रही अत्यधिक वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए किसानों को फसलों के प्रति मार्गदर्शन देने हेतु जिला प्रशासन सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के निर्देशानुसार कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किसानों के लिए आकस्मिक एवं वैकल्पिक कृषि कार्य योजना के अंतर्गत महत्वपूर्ण सुझाव जारी किए गए हैं।
वर्तमान मौसम की स्थिति में कृषकों को सलाह दी गई है कि खरीफ सीजन की कुछ फसलों जैसे तिल, उड़द, मूँग एवं अजवाइन की बोनी मौसम खुलते ही की जा सकती है। इसके अतिरिक्त धान की रोपाई एवं उद्यानिकी फसलों में टमाटर, शिमला मिर्च, मिर्च और गेंदा जैसे फूलों की खेती प्रारंभ की जा सकती है। जिन क्षेत्रों में पहले से बोई गई खरीफ फसलें अत्यधिक वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, वहाँ मौसम खुलते ही तिल, उडद, मूँग, अजवाइन की बोनी कर फसल प्रतिस्थापित की जा सकती है। यह भी उल्लेखनीय है कि इन फसलों के बाद रबी सीजन की फसलें भी सफलतापूर्वक ली जा सकती हैं।
खेतों में जलभराव की स्थिति को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए किसानों को सलाह दी गई है कि वे जल निकासी की समुचित व्यवस्था करें ताकि फसलें लंबे समय तक पानी में डूबी न रहें। जैसे ही मौसम खुलता है, मूँगफली की फसलों में निराई-गुड़ाई करें तथा सोयाबीन और मक्का में खरपतवार नियंत्रण हेतु आवश्यक रसायनों का छिड़काव करें।
रबी फसल की तैयारी के लिए वर्तमान समय को अनुकूल मानते हुए सुझाव दिया गया है कि जिन खेतों में फसलें नहीं बोई गई थीं, उनमें मौसम खुलते ही जुताई करें। साथ ही सरसों तथा गेहूँ के लिए खेत की तैयारी प्रारंभ करें ताकि आगामी सीजन की बुवाई समय पर हो सके और उत्पादन प्रभावित न हो।
(Udaipur Kiran) / रंजीत गुप्ता
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