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तुलसीराम ने समाज के लिए साइकिल यात्रा से दिया नशामुक्ति का संदेश

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धमतरी, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । धमतरी जिले के ग्राम पतेरापारा निवासी युवा तुलसीराम साहू ने नशा मुक्ति के संदेश को लेकर जो कार्य किया है, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है। तुलसीराम ने साइकिल से छह राज्यों का भ्रमण करते हुए 5200 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर यह सिद्ध किया है कि दृढ़ संकल्प, सामाजिक चेतना और जनहित के लिए किया गया कार्य न केवल लोगों की सोच बदल सकता है, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा भी तय कर सकता है।

इस अभियान की शुरुआत तुलसीराम ने छह अप्रैल 2025 (रामनवमी) के पावन अवसर पर जिले की आराध्य देवी माँ विंध्यवासिनी मंदिर से की। यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट था – “नशे के खिलाफ जन-जागृति”। उन्होंने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे 6 प्रमुख राज्यों की यात्रा करते हुए प्रतिदिन औसतन 150 किलोमीटर की दूरी तय की। 32 दिनों में 5200 किलोमीटर का सफर तय कर वे धमतरी लौटे।

तुलसीराम ने बताया कि इस अभियान की प्रेरणा उन्हें व्यक्तिगत जीवन के कड़वे अनुभवों से मिली। उनके छोटे भाई की मानसिक स्थिति नशे के कारण बिगड़ गई थी, जिसने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया। वहीं, बचपन में कक्षा पांचवीं में पढ़ते समय उन्होंने कई छोटे बच्चों को नशे की चपेट में आते देखा था। इन दोनों घटनाओं ने उन्हें इस सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध कर दिया।

यात्रा के दौरान विभिन्न राज्यों में उन्हें आमजन का भरपूर सहयोग और समर्थन मिला। उन्होंने गाँवों, स्कूलों, सार्वजनिक स्थलों पर लोगों से संवाद कर नशे के दुष्प्रभावों पर चर्चा की और जागरूकता का संदेश फैलाया। यह कोई पहला प्रयास नहीं थाकृवर्ष 2020 में भी तुलसीराम ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए लाल किला, दिल्ली तक साइकिल यात्रा कर लोगों को जागरूक किया था।

तुलसीराम साहू ने 25 जुलाई को कलेक्टर अबिनाश मिश्रा से मुलाकात की और अपनी यात्रा के उद्देश्य, अनुभव एवं जनप्रतिक्रिया से अवगत कराया। कलेक्टर ने कहा कि तुलसीराम जैसे युवा समाज का दर्पण होते हैं। इनकी सोच और प्रयास न केवल सराहनीय हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी हैं।’ यदि उद्देश्य नेक हो और मन में जज़्बा हो, तो संसाधनों की कमी भी रास्ता नहीं रोक सकती। नशा मुक्ति जैसे जटिल विषय पर उन्होंने जिस प्रकार साइकिल यात्रा के माध्यम से जनमानस को जागरूक किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए सीख है। यह साइकिल यात्रा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना की वह धारा है, जो अब रुकने वाली नहीं है। आज के युवा यदि समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझें, तो हर बुराई पर विजय संभव है। तुलसीराम ने यह सिद्ध कर दिखाया कि संकल्प से समाज बदला जा सकता है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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