कानपुर, 31 मई . भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) के उन्नत सामग्री विज्ञान केंद्र (एसीएमएस) ने एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया, जिसमें तरंगदैर्ध्य विखंडन एक्स-रे प्रतिदीप्ति और स्थिर समस्थानिक अनुपात द्रव्यमान स्पेक्ट्रोमेट्री विश्लेषणात्मक तकनीकों पर चर्चा की गई. कार्यक्रम में 84 प्रतिभागियों ने भाग लिया. जिनमें छात्र, शोध विद्वान, तकनीकी कर्मचारी, संकाय सदस्य और उद्योग पेशेवर शामिल थे. जिन्होंने एक्सआरएफ और आईआरएमएस विश्लेषणात्मक तकनीकों में ज्ञान साझा करने और व्यावहारिक सीखने को बढ़ावा दिया.
प्रो. अनीश उपाध्याय प्रमुख एसीएमएस ने केंद्र की उन्नत विशेषज्ञता सुविधाओं के बारे में जानकारी दी. जिनमें इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी लैब, एक्स-रे डिफ्रैक्शन (एक्सआरडी), एक्स-रे फोटोइलेक्ट्रॉन स्पेक्ट्रोस्कोपी, सैंपल टेस्टिंग लैब आदि शामिल हैं. जो विविध शोध आवश्यकताओं को पूरा करती हैं. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और विशेषज्ञता से सशक्त बनाना है जो महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा दें और आईआईटी कानपुर में शोध की वृद्धि में योगदान दें.
आईआईटी कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. अभिषेक सिंह ने पर्यावरण विज्ञान में एक्सआरएफ के उपयोग पर एक केस स्टडी प्रस्तुत की, जिसमें भू जल संदूषण और उपचार रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया. आईआर टेक (रिगाकु) का प्रतिनिधित्व करते हुए बीके श्रीवास्तव ने रिगाकु प्राइमस IV एक्सआरएफ का उपयोग करके मौलिक विश्लेषण पर चर्चा की, इसके परिचालन क्षमताओं में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान करी.
प्रतिभागियों में 47 छात्र (एमटेक और पीएचडी), सात आईआईटी कानपुर के तमाम विभागों से सतत ऊर्जा अभियांत्रिकी और पृथ्वी विज्ञान के दो संकाय सदस्य, एसीएमएस, सामग्री विज्ञान और अभियांत्रिकी, रासायनिक अभियांत्रिकी और पृथ्वी विज्ञान के 28 कर्मचारी सदस्य और बारवीं के छह छात्र और परिसर के बच्चे शामिल रहे. इन प्रतिभागियों की विविधता ने कार्यशाला को एक समृद्ध और ज्ञानवर्धक अनुभव बनाया.
/ रोहित कश्यप
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