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तिवारी हत्याकांड के आरोपी बरी, साक्ष्य मिटाने में तीन-तीन साल की सजा

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जालौन, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) । जालौन में बहुचर्चित तिवारी परिवार हत्याकांड में गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. अवनीश कुमार की अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए बृजेश पटेल और सोनू यादव को हत्या के आरोप से बरी कर दिया। लेकिन साक्ष्य मिटाने और लूट का सामान रखने के मामले में दोषी मानते हुए तीन-तीन साल के कठोर कारावास और 20-20 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई।

मामला 21 नवंबर 2016 का है, जब उरई के विजय नगर में अभिलाषा तिवारी, उनके पति सुरेंद्र तिवारी और बेटे कार्तिक की उनके घर में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। मामला तब सामने आया जब अभिलाषा के भाई बब्लू ने बहन से फोन पर संपर्क न होने पर उनके घर जाकर देखा तो मकान पर ताला लगा था। बगल से झांकने पर तीनों के शव खून से लथपथ पड़े मिले।

बब्लू की शिकायत पर पुलिस ने हत्या, लूट और साक्ष्य मिटाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। शुरुआती जांच में मृतकों के करीबी रिश्तेदारों पर शक गया, लेकिन आगे चलकर बृजेश पटेल और सोनू यादव को आरोपी मानते हुए चार्जशीट दाखिल की गई। अभियोजन ने अदालत में 13 गवाह पेश किए और हत्या से जुड़ी कुल्हाड़ी, सब्बल, मोबाइल, नकदी व अन्य सामान बरामद होने का हवाला दिया। हालांकि अदालत ने पाया कि हत्या का सीधा साक्ष्य मौजूद नहीं है और संदेह का लाभ देते हुए दोनों को हत्या के आरोप से दोषमुक्त कर दिया गया।

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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा

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