भोपाल, 01 जून . शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में स्थापित पीएसए प्लांट की क्रियाशीलता और ऑक्सीजन की शुद्धता को परखने के लिए रविवार को चार घंटे की मॉकड्रिल आयोजित की गई. मॉकड्रिल को संबंधित संस्था प्रभारियों की देखरेख में पीएसए प्लांट तकनीशियन द्वारा किया गया. इस दौरान ऑक्सीजन के फ्लो एवं प्रवाह दर को रोगी के बिस्तर के समीप स्थित ऑक्सीजन आउटलेट पर मापा गया. जिसमें पीएसए से ऑक्सीजन का दबाव 4.6 bar एवं बेडसाइड पर ऑक्सीजन प्रेशर 4.2 bar होने की स्थिति की जांच की गई.
मॉकड्रिल में अग्नि सुरक्षा रोकथाम के लिए आपातकालीन प्रणालियों की उपलब्धता और क्रियाशीलता का भी परीक्षण किया गया. भोपाल में ज़िला चिकित्सालय में 1000 एल.पी.एम. के दो ऑक्सीजन प्लांट एवं 6 किलोलीटर का एक एल.एम.ओ प्लांट संचालित है. सिविल अस्पताल बैरागढ़, के.एन.के., बैरसिया, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोलार, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नज़ीराबाद एवं अन्य शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हैं. सिविल अस्पताल केएनके में 500 एलपीएम का पी.एस.ए. प्लाण्ट एवं 1 किलोलीटर का एल.एम.ओ. प्लाण्ट, सिविल अस्पताल बैरागढ़ एवं कोलार में 150-150 एलपीएम, एम्स में 1000 एलपीएम, गांधी मेडिकल कॉलेज में 5000 एलपीएम, कमला नेहरू गैस राहत, खुशीलाल एवं रेल्वे चिकित्सालय में 500-500 एलपीएम, कस्तूरबा चिकित्सालय में 500 एलपीएम एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नजीराबाद में 250 एलपीएम क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट संचालित है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि पीएसए प्लांट की क्रियाशीलता, ऑक्सीजन सप्लाई और ऑक्सीजन शुद्धता की जांच समय – समय पर की जाती है. मॉकड्रिल से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण कर वरिष्ठ कार्यालय को अवगत कराया जा रहा है.
तोमर
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