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छत्तीसगढ़ में आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में ईडी ने 6.34 लाख रुपये की संपत्ति को किया अस्थायी रूप से अटैच

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रायपुर, 06 सितंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के रायपुर में आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजू खान की करीब 6.34 लाख रुपये की संपत्ति को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अस्थायी रूप से अटैच किय। मामला स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ा है। ईडी ने इस केस में अब तक कुल 9.15 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति अटैच की है।एजेंसी का कहना है कि मामले की गहन जांच जारी है।

ईडी के अनुसार रायपुर के खमतराई थाने में दर्ज एफआईआर में पाकिस्तान के एक शख्स “खालिद” के इशारों पर भारत में कुछ बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल आतंकियों तक पैसे पहुंचाने के लिए किए जाने का जिक्र था। जांच में पता चला कि खालिद के कहने पर धीरज साव कई बैंक खातों का इस्तेमाल कर जुबैर हुसैन, आयशा बानो और राजू खान जैसे लोगों तक राशि पहुंचाता था।

जांच में यह भी पता चला कि इस नेटवर्क में राजू खान एक अहम कड़ी था। उसके बैंक अकाउंट में 48.82 लाख रुपये कैश जमा हुआ था। उसने इनमें से 42.47 लाख रुपये सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़े लोगों तक पहुंचाए और करीब 13 फीसदी यानी 6.34 लाख रुपये कमीशन के तौर पर अपने पास रख लिए। ईडी ने अब तक इस केस में कुल 9.15 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति अटैच की है।

सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे संगठन भारत की जमीन पर “आतंकी फैक्टरी” की तरह काम कर रहे हैं। इनके लिए फंडिंग सबसे बड़ी ऑक्सीजन है। ईडी की इस कार्रवाई ने न सिर्फ पैसों की नाड़ी पकड़ी है बल्कि आतंकी तंत्र की गहराई तक पहुंचने का रास्ता भी खोला है।

साल 2013 में धीरज की गिरफ्तारी रायपुर में हुई थी। उसके मौसेरे भाई श्रवण को भी तब पकड़ा गया था। इनसे मिले इनपुट के आधार पर मैंगलोर के रहने वाले जुबैर और आयशा को भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि तबसे राजू खान फरार था। अब इस केस के सभी आरोपित रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।

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(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा

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