शिमला, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने एक और दाे सितंबर काे राज्य के अनेक जिलों में अति भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। पिछले दो दिनों से जारी मूसलाधार बारिश से जगह-जगह भूस्खलन और मकान ढहने की घटनाओं ने तबाही मचाई है। केवल शिमला जिला में अलग-अलग हादसों में चार लोगों की जान चली गई है, जिनमें पिता-पुत्री भी शामिल हैं। बारिश ने राज्यभर में सड़क, बिजली और जलापूर्ति व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार सुबह तक भूस्खलन और भारी बारिश के कारण पांच नेशनल हाईवे समेत 788 सड़कें बंद पड़ी हैं। सबसे अधिक 265 सड़कें मंडी, 175 कुल्लू, 136 सिरमौर और 68 सोलन में अवरुद्ध हैं। इसी तरह बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रदेश भर में 2174 ट्रांसफार्मर ठप पड़ चुके हैं, जिससे कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट हो गया है। सोलन में सबसे ज्यादा 899, कुल्लू में 457, मंडी में 352, ऊना में 267 और लाहौल-स्पीति में 146 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। वहीं 365 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। केवल कांगड़ा जिले में ही 212 जल योजनाएं ठप हो गई हैं।
शिमला जिला में भूस्खलन की जद में आने से चार लोगों की मौत हुई है। तहसील जुंगा के उप-मोहल जोट, पटवार सर्कल डबलू में विशाल भूस्खलन से वीरेंद्र कुमार (35) और उनकी 10 वर्षीय पुत्री की मलबे में दबकर मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी उस समय घर से बाहर होने के कारण बच गई। इसी तरह कोटखाई के चोल गांव में मकान ढहने से 70 वर्षीय महिला कलावती मलबे में दब गईं, जिन्हें स्थानीय लोगों ने निकालने का प्रयास किया लेकिन उनकी मौत हो गई। उधर जुब्बल तहसील की बढ़ाल पंचायत के बावली गांव में मकान की दीवार गिरने से 23 वर्षीय युवती कनिष्का पुत्री स्व. अमर सिंह की दबकर मौत हो गई।
रोहड़ू उपमंडल के दयार मोली गांव में भारी बारिश से हुए भूस्खलन ने तीन घरों को खतरे की जद में ला दिया। प्रशासन ने कुलदीप, संदीप, प्रदीप और सोन्फू राम के परिवारों के 10 सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया। घटना में दो गौशालाएं दब गईं, जिनमें दो गाय और एक भेड़ की दबने से मौत हो गई। शिकड़ी खड्ड के पास जलस्तर बढ़ने से लोगों में भय का माहौल है। प्रशासन ने एहतियातन इंडोर स्टेडियम में शेल्टर होम तैयार कर दिया है।
शिमला शहर में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। पोर्टमोर स्कूल की रिटेनिंग वॉल गिर गई है और पास का पेड़ ट्रांसफार्मर तथा आवासीय भवनों को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में है। सुन्नी क्षेत्र में सतलुज का जलस्तर बढ़कर थली पुल को छूने लगा है।
भारी बारिश के चलते किन्नौर के निचार उपमंडल सहित राज्य के 11 जिलों में आज सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
मौसम विभाग ने आज व कल दो दिन का रेड अलर्ट और 3 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि 4 से 7 सितंबर तक मॉनसून से राहत मिलने की संभावना जताई गई है। बीती रात से सोमवार सुबह तक नंगल डैम और आरएल बीबीएमबी में सर्वाधिक 220 मिलीमीटर, रायपुर मैदान में 215, नैना देवी में 192, सोलन में 187, नाहन में 177, कसौली में 135, रोहड़ू में 130 और शिमला में 115 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
मॉनसून सीजन में अब तक राज्य में 320 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 11 भूस्खलन, 9 फलैश फ्लड, 17 बादल फटने, 33 बहने और 38 पेड़ या पहाड़ी से गिरने की घटनाओं में जान गई है। इसके अलावा 40 लोग लापता और 379 घायल हुए हैं। प्रदेश में अब तक 4098 घरों को नुकसान हुआ है, जिनमें 844 पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। 471 दुकानें और 3710 पशुशालाएं भी मलबे में दबकर खत्म हो चुकी हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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