कानपुर, 06 जुलाई हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की औद्योगिक नीतियों और पारदर्शी प्रशासनिक मॉडल के चलते उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने राजस्व वृद्धि में उल्लेखनीय उछाल दर्ज किया है। यूपीसीडा ने 2023–24 में 1,898 करोड़ रुपये और 2024–25 में अनुमानित 1,937 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है, जो 2021–22 की तुलना में तीन गुना से अधिक है। यह जानकारी रविवार को यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने दी।
भूखंड आवंटन प्रणाली की पारदर्शिता और दक्षता के चलते पिछले तीन वर्षों में यूपीसीडा के द्वारा 1,600 से अधिक औद्योगिक भूखंडों का सफल आवंटन किया गया, जिनमें वित्तीय वर्ष 2024–25 में ही 798 भूखंड आवंटित किए गए। भूखंड आवंटन से निवेश को बढ़ावा और रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के तहत यूपीसीडा ने सेवा वितरण में क्रांतिकारी सुधार किए हैं। ‘निवेश मित्र’ पोर्टल, ई-नीलामी, ऑनलाइन भुगतान और शिकायत निवारण जैसी 42 सेवाओं के माध्यम से अब तक 31,000 से अधिक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 96 प्रतिशत का समाधान किया जा चुका है।
योगी सरकार की प्राथमिकता में औद्योगिक अधोसंरचना है। इसी क्रम में यूपीसीडा ने 2025-26 के लिए 6,190 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड बजट पारित किया है। इस बजट से औद्योगिक क्षेत्रों में स्मार्ट सड़कों, जल आपूर्ति, सीवरेज नेटवर्क और 24×7 बिजली जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देते हुए यूपीसीडा ने प्रशासनिक व्यय में नौ प्रतिशत की कटौती की है। जो योगी सरकार की कम खर्च, ज्यादा परिणाम नीति का जीवंत उदाहरण है। दूसरी तरफ, वर्ष 2017–18 में जहां अवस्थापना व्यय 104 करोड़ रुपए था, वह 2023–24 में चार गुना बढ़कर 415 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो यूपीसीडा के बुनियादी ढांचे पर केंद्रित विकास की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु यूपीसीडा द्वारा पिंक टॉयलेट्स, डॉरमेट्रीज़, महिला हेल्पडेस्क जैसी सुविधाओं की शुरुआत की गई है। अटल औद्योगिक अधोसंरचना मिशन के अंतर्गत महिला केंद्रित कौशल प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
योगी सरकार की नीतियों के अनुरूप यूपीसीडा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी सक्रिय है। हरित पट्टियों, ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण उपायों से पर्यावरण और उद्योग के बीच संतुलन साधा जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी की मेगा निवेश योजनाओं का असर स्पष्ट है। मई 2025 में आयोजित मेगा आवंटन योजना में 113 भूखंडों के माध्यम से 700 करोड़ रुपये सरकार की समावेशी औद्योगिक नीति के तहत छोटे उद्योगों को किफायती भूखंड और सरल प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं, वहीं बड़े निवेशकों के लिए विशेष क्लस्टर जोन और नीति सहयोग की सुविधा दी जा रही है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
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