जयपुर, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाद्रपद कृष्ण अष्टमी शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर छोटीकाशी कृष्णमय हो उठी। हर ओर कृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास छाया रहा। वैष्णव मंदिरों की तो छटा ही निराली थी। गुब्बारों, फूलों, रंग बिरंगी रोशनी से सजे मंदिरों में दिनभर दर्शनार्थियों का हुजूम उमड़ता रहा।
मुख्य आयोजन जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में हुआ। यहां करीब छह लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। सुबह से मध्य रात्रि तक भक्ति का सागर छलकता रहा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने धर्मपत्नी सहित गोविंद देव जी मंदिर पहुंचकर प्रदेश की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की। मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी एवं सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने मुख्यमंत्री का शॉल, माल्यार्पण, दुपट्टा, प्रसाद और ठाकुर जी का चित्र भेंट कर अभिनंदन किया। दर्शनार्थियों से अटे मंदिर में में जैसे ही रात्रि के 12 बजे तो 31 तोपों की हवाई गर्जना के बीच भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ तो उच्च स्वर में शंखनाद का निनाद हो उठा। वेदपाठी ब्राह्मणों ने सस्वर में वेदपाठ किया। हर ओर हर्ष मिश्रित ध्वनि के बीच सभी रोमाचिंत हो रहे थे। लग रहा था कि उनके सामने ही कृष्ण ने अवतार ले लिया है।
मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी और सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने शालिग्राम भगवान का पूजन कर ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक किया। 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद से अभिषेक के दृश्य को श्रद्धालु अपलक निहारते रहे। अभिषेक संपन्न होते हुए पूरा मंदिर एक बार फिर श्रद्धाभरे जयकारों से गूंजायमान हो उठा। ठाकुर जी को पंजीरी, लड्डू, खिरसा का भोग लगाया गया। जय निवास बाग स्थित मंच से नि:शुल्क चरणामृत एवं पंजीरी वितरण किया गया। इससे पूर्व सुबह भी पंचामृत अभिषेक कर ठाकुरजी को नवीन पीत वस्त्र, आभूषण एवं पुष्पों से श्रृंगार किया गया। सुबह से ही हर किसी के कदम गोविंद देवजी मंदिर की ओर बढ़ रहे थे। वाहनों की रेलमपेल के कारण बार-बार जाम लगता रहा। गोविंद देवजी मंदिर के आसपास के कृष्ण मंदिरों में भी उल्लास कम नहीं था। सब मंदिरों में नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की जयघोष गूंजता रहा। श्री गोविंद देवजी मंदिर में श्रद्धालुओं को 13 घंटे दर्शन का अवसर मिला। सुबह मंगला झांकी से पूर्व ही दर्शनार्थी कतारों में लग गए।
जैसे ही पट खुलने का पता चला दर्शनार्थियों ने राधे राधे से मंदिर परिसर को गूंजायमान कर दिया। मंगला झांकी सुबह 4:30 से 7 बजे खुली रही। धूप झांकी में दर्शनार्थियों की संख्या में थोड़ी कमी आई। लोगों को बिना किसी परेशानी के दर्शन हुए। सुबह की सभी झांकियों में दर्शन की सुचारू व्यवस्था रही।
कतारों में दिखा भक्तों का उत्साह
श्रृंगार और राजभोग झांकी में दर्शनार्थियों की संख्या फिर बढ़ गई। श्रद्धालु कतारों में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। इस दौरान कतारों में लगी युवाओं की टोलियों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। युवा लगातार भजनों की स्वर लहरियां बिखेरते रहे। ऐसे में कब मंदिर के छांवण तक पहुंच गए पता ही नहीं चला। श्रद्धालुओं ने अपनी सुविधानुसार लाइनों में लग कर दर्शन किए। आम श्रद्धालुओं के लिए बिना जूते-चप्पल और जूते-चप्पल सहित दो अलग-अलग लाइन बनाई गई थी। पास धारकों के लिए विशेष लाइन लगाई गई थी। जलेबी चौक से आने वालों का निकास जय निवास बाग पूर्वी द्वार से तथा ब्रह्मपुरी और कंवर नगर से आने वालों का निकास चिंताहरण हनुमान मंदिर मार्ग से कराया गया।
सब काम छोड़ सेवा में डटे रहे कार्यकर्ता
इस भव्य आयोजन की व्यवस्था में लगभग 3000 कार्यकर्ता एवं 150 स्काउट तैनात रहे। इनमें डॉक्टर, इंजीनियर, एडवोकेट, अध्यापक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में शामिल हुए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े युवाओं ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। सुगम दर्शन के लिए मंदिर परिसर में 13 एलईडी स्क्रीन और 8-10 मेटल डिटेक्टर लगाए गए। सुरक्षा हेतु सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी गई।
लाड़लीजी सहित तीन मंदिरों में दोपहर को हुआ जन्माभिषेक
छोटीकाशी के तीन मंदिरों में रात्रि बारह बजे के बजाय दोपहर बारह बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर मंदिर में महंत मलय गोस्वामी के सान्निध्य में ठीक दोपहर दो बजे ठाकुरजी का जन्माभिषेक किया गया। नवीन पोशाक धारण कराकर आभूषण से श्रृंगार किया गया। भक्तों ने बधाइयां गाईं और जन्मोत्सव का उत्सव मनाया। उल्लेखनीय है कि इस मंदिर में राधा दामोदर जी के ढाई साल के बाल स्वरूप की प्रतिमा विराजमान है। यहां श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। राधा दामोदर जी की मूर्ति को वृंदावन से लाया गया था और जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह के आग्रह पर इसे मंदिर में स्थापित किया गया। रामगंज बाजार स्थित लाड़लीजी मंदिर में महंत संजय गोस्वामी के सान्निध्य में दोपहर 12 बजे जन्माभिषेक कर बधाईगान किया गया। नाहरगढ़ की पहाड़ी स्थित चरण मंदिर में भी दोपहर को कृष्ण जन्माभिषेक किया गया। धार्मिक मान्यता है कि भगवान कृष्ण गाय चराते हुए एक बार यहां तक पहुंच गए थे। मंदिर में उनके चरण चिह्न अकिंत है। प्रतिमा के बजाय चरणों की पूजा की जाती है।
गुप्त वृंदावन धाम में गूंजा हरे कृष्ण महामंत्र
जगतपुरा स्थित गुप्त वृन्दावन धाम में शनिवार को कृष्णमय हो उठा। मध्य रात्रि 12 बजे नंदलाला का महाभिषेक एवं महाआरती संपन्न हुई। जैसे ही आधी रात को भगवान श्रीकृष्ण प्रकट तो भक्तों ने हरे कृष्ण महामंत्र और जयघोष के साथ उनका स्वागत किया। भक्तों ने प्रभु के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया। श्रद्धालुओं ने ऐसा अनुभव किया मानो वे साक्षात वृन्दावन धाम में भगवान श्रीकृष्ण के स्वागत में उपस्थित हो। सुबह मंगला आरती के साथ ही उत्सव का शुभारंभ हुआ। यशोदा नंदन ने नवरत्न धारण किए। विशेष जरदोजी की कढ़ाई दार पौशाक में दर्शन दिए। भगवान श्रीकृष्ण-बलराम का पुष्पालंकार कर्नाटक से आए सेवंती फूलों तथा देशभर से मंगाए गए पुष्पों से किया गया। मंदिर परिसर रंग-बिरंगी रोशनी और पुष्प सज्जा से अद्भुत छटा बिखेर रहा था।
गौरांग इंस्टिट्यूट फॉर वैदिक एजुकेशन
गौरांग इंस्टिट्यूट फॉर वैदिक एजुकेशन की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन जयपुर बाग में अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। पूरे परिसर को फूलों की रंग-बिरंगी सजावट और आकर्षक फूल बंगला से सजाया गया। महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से आए हजारों भक्तों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत भजनों और हरिनाम संकीर्तन से हुई। गुरुकुल के छात्रों ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव लीला के प्रसंगों का मनोहारी मंचन किया। साथ ही, श्री जगन्नाथ महाप्रभु की लीला का भी सुंदर एवं भक्तिमय प्रस्तुतीकरण किया गया। मध्य रात्रि को वृन्दावनचन्द्र दास ने महाअभिषेक किया। उन्होंने भक्तों को भाव-विभोर करने वाली कृष्ण कथा सुनाई। मध्य रात्रि के बाद सभी श्रद्धालुओं को महाप्रसाद वितरण किया गया।
श्री खोले के हनुमान मंदिर
श्री खोले के हनुमान मंदिर स्थित प्रेमभाया मंदिर में मनाए गए कृष्ण जनमाष्टमी पर्व पर दिनभर भजन-कीर्तन हुआ। श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री ब्रजमोहन शर्मा ने बताया कि रात 11:30 बजे श्री कृष्ण भगवान का महास्नान कर षोडशोपचार पूजन किया गया। नई पोशाक धारण कराकर चांदी के मुकुट और चांदी की बांसुरी धारण कराई गई। मध्यरात्रि में महाआरती कर भक्तजनों को पंजीरी प्रसादी वितरित की गई।
श्री सरस निकुंज
सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की प्रधान वैष्णव पीठ श्री सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्न्न्ध्यि में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि मध्य रात्रि को वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ श्री राधा सरस बिहारी सरकार का अभिषेक किया गया। पंजीरी का भोग लगाया गया। ठाकुरजी के समक्ष पदगायन किया गया।
कृष्ण जन्मोत्सव में हुआ दही-हांडी कार्यक्रम का आयोजन
पत्रकार कॉलोनी विकास समिति के तत्वावधान में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के उपलक्ष्य में दही हांडी कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ। इसी दौरान कॉलोनी की मातृशक्ति के सानिध्य में बद्रीनाथ महादेव मंदिर में भजन कीर्तन किया । मंदिर परिसर को रंग -बिरंगे फूलों से सजाया गया । जिसके पश्चात मंदिर प्रांगण में भव्य झांकी का आयोजन किया गया । वहीं बाल गोपाल के रुप में नन्हे-मुन्ने बच्चे कार्यक्रम में भाग लिया । बाल गोपाल के रुप में सज कर आए नन्ने-मुन्नों की मुस्कान ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी बाल गोपाल कार्यक्रम में भागीदारी निभाने के लिए बाल -गोपाल और राधा-राधी की पारंपरिक वेशभूषा धारण कर कार्यक्रम में शामिल हुए। नन्ने -मुन्नों के साथ स्थानीय लोग दही हांडी कार्यक्रम में शामिल हुए और भजनों का आनंद लिया। कार्यक्रम के समापन पर देर रात 12 बजे बाद प्रसाद वितरण किया गया।
श्री कृष्ण जन्मोत्सव भजन-संकीर्तन के साथ सजी लड्डू गोपाल की भव्य झांकी
श्री अमरापुर स्थान में शनिवार के पावन दिवस भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भजन संकीर्तन हवन यज्ञ अनुष्ठान के साथ-साथ लड्डू गोपाल की भव्य झूला झांकी सजाई गई , रात्रि को भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय महाअभिषेक कर खीर प्रसादी का वितरण किया गया ।
नटखट कान्हा एवं चुलबुली राधिकाओं की मनमोहक प्रस्तुति से सजा प्रेस क्लब का मंच
पिंकसिटी प्रेस क्लब द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर नटखट कान्हा और चुलबुली राधा बाल गोपाल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश मीणा और महासचिव मुकेश चौधरी ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रेस क्लब सदस्यों के बच्चों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। प्रतियोगिता में 47 नटखट बाल गोपाल एवं चुलबुली राधिकाओं ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में खाद्य आपूर्ति आयुक्त पंकज औझा मुख्य अतिथि ने सभी विजेताओं को पुरस्कृत कर उत्साहवर्धन किया।
प्रतियोगिता के निणायकों में मीना गुप्ता, अंजू माथुर, अनिल मारवाड़ी ने तीन-तीन सर्वश्रेष्ठ कान्हा एवं राधिकाओं का चयन किया। कार्यक्रम का संचालन मनोज स्वामी ने किया।
मंदिर श्री रामचंद्र जी बड़ी चौपड़ में गोवर्धन झाँकी विशेष आकर्षण का केंद्र
वहीं दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा देवस्थान विभाग मंदिर श्री रामचंद्र जी बड़ी चौपड़ में आयोजित दो दिवसीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस भव्य आयोजन में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और विभिन्न झाँकियों के दर्शन कर पुण्य कमाया। इस वर्ष की झाँकियों में गोवर्धन झाँकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। साथ ही, संस्थान ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए आयोजन में पर्यावरण अनुकूल सामग्री के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया। इस अवसर पर, एलईडी स्क्रीन के माध्यम से दिल्ली में चल रहे मुख्य जन्माष्टमी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया। जिसमें श्रीकृष्ण को युग प्रदर्शक और जगतगुरु के रूप में चित्रित किया गया। इस दौरान बताया गया कि कैसे उनके प्रत्येक कार्य समाज के कल्याण के लिए समर्पित थे।
कार्यक्रम में कलाकारों ने श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का मंचन किया, जिसमें बाल गोपाल की शरारतें, माखन चोरी, गोवर्धन लीला और रासलीला जैसी मनमोहक प्रस्तुतियां शामिल थीं। इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया। संस्थान ने इस सफल आयोजन के लिए सभी श्रद्धालुओं और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
जयपुर के इन मंदिरों में भी हुए जन्माष्टमी के आयोजन
गोविंद देवजी के अलावा गोपीनाथ जी, राधा दामोदर जी, ब्रजनिधि, आनंद कृष्ण बिहारी और गोविंद देव जी के अधीन आने वाले श्री राधा माधवजी, नटवरजी, कुंज बिहारीजी, श्री गोपाल जी नागा, तालाब वाले श्री गोपाल जी, मुरली मनोहर जी और रोपाड़ा गोपालजी , इस्कान मंदिर और अक्षयधाम मंदिन वैशाली नगर भी जन्माष्टमी उत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया।
रविवार को नंदोत्सव की रहेगी धूम और नगर भ्रमण पर निकलेंगे नंदलाल
भाद्रपद कृष्ण पक्ष नवमी रविवार को ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी, श्री गोविन्द धाम में नंदोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मंदिर सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि सुबह 9:15 बजे ठाकुर श्रीजी को केसरिया रंग की आकर्षक पोशाक धारण कराई जाएगी। पुष्पों का विशेष श्रृंगार एवं दिव्य अलंकरण धारण कराए जाएंगे। धूप झांकी खुलने पर अधिवास पूजन एवं विशेष भोग झांकी के दर्शन होंगे। श्रृंगार झांकी की आरती के बाद तिल एवं यवदान पूजन होगा। इसके बाद महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में भक्तों के बीच कपड़े, फल, ट्राफी आदि उछाल कर नंदोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। शाम 4:30 बजे ठाकुर श्रीजी की भव्य शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से रवाना होगी। ठाकुर श्रीजी को विशेष पुष्पों से सुसज्जित रथ में विराजित कराया जाएगा। बैंडबाजे और करीब दो दर्जन झांकियों के साथ शोभायात्रा प्रारंभ होगी। अनेक कीर्तन मंडलियां नाम कीर्तन करती चलकंगी। जलेबी चौक, हवामहल बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, बापू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, चांदपोल बाजार, बगरू वालों का रास्ता होते हुए शोभायात्रा पुरानी बस्ती स्थित मंदिर श्री गोपीनाथ जी पहुंचेगी।
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(Udaipur Kiran)
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