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देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को, 'हरि सौपेंगे हर को सृष्टि का भार,जाएंगे क्षीरसागर में विश्राम करने

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उज्जैन, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) । आगामी 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इस दिन भगवान हरि सृष्टि का भार हर को सौपेंगे और क्षीरसागर विश्राम करने चले जाएंगे। इसी के साथ सभी मांगलिक कार्यो पर विराम लग जाएगा। देवउठनी एकादशी पर जब हरि जागेंगे तो हर उन्हे सृष्टि का भार पुन: सौपकर कैलाश पर्वत रवाना हो जाएंगे। हरि-हर मिलन की परंपरा आज भी उज्जैन में बैकुंठ चतुर्दशी पर निभाई जाती है। जब महाकाल मंदिर से बाबा महाकाल की सवारी रात्रि 11 बजे निकलती है और गोपाल मंदिर पहुंचती है। यहां पर हरि-हर मिलन होता है।

राजा बलि को दिए वचन के कारण हरि पाताल लोक में, क्षीरसागर में चार मास तक विश्राम करेंगे। इन चार माहों में हर सृष्टि का भार संभालेंगे, इसलिए चातुर्मास में हर की आराधना विशेष तौर पर श्रावण मास में होती है। इन चार माहों तक मांगलिक कार्य पूरी तरह से बंद रहेंगे। इस चार मास को चातुर्मास भी कहा जाता है, जब धर्म गंगा चारों ओर बहती है। श्रद्धालु भागवतजी बैठाते हैं, वहीं किसान भी खेती के काम से लगभग निवृत्त होते हैं। देव उठनी एकादशी पर जब भगवान विष्णु जागते हैं तो इस दिन को छोटी दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन से एक बार फिर मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। खास करके शहनाईयां बजने का दौर प्रारंभ हो जाता है।

11 जुलाई से श्रावण मास

आगामी 11 जुलाई से श्रावण मास प्रारंभ हो जाएगा। खासकर महाकाल की नगरी में डेढ़ माह तक उल्लास का विशेष वातावरण रहेगा क्योंकि यहां पूरे श्रावण आधे भादौ मास के प्रति सोमवार को बाबा महाकाल की सवारियां निकलेगी। अब प्रथम सवारी से शाही सवारी तक लाखो श्रद्धालुओं की भीड़ शहर में जुटती है। श्रावण मास में महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, खासकर देशभर से आनेवाले कांवड़ यात्रियों की भीड़। इस बार भी महाकाल मंदिर में 11 जुलाई से लाखो श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है। इधर गुरू पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण की पाठशाला सांदीपनि आश्रम में विशेष आयोजन होता है। हजारो श्रद्धालु इस दिन यहां आशीर्वाद ग्रहण करने आते हैं।

जुलाई में सर्वार्थ सिद्धि योग

जुलाई माह में सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। साथ ही अमृत सिद्धि योग भी हैं। इसके अलावा प्रॉपर्टी या वाहन खरीदने के लिए जरूरत शुभ मुहूर्त हैं।

जुलाई माह में विद्यारंभ हेतु शुभ मुहूर्त 4, 7, 13 और 25 जुलाई। नामकरण हेतु शुभ मुहूर्त 4, 6, 7, 11, 16, 17, 18, 20, 21, 25, 30 और 31 जुलाई है। अन्नप्राशन हेतु शुभ मुहूर्त 4, 17 और 31 जुलाई है। वहीं कर्णवेधन हेतु शुभ मुहूर्त 7, 12, 13, 17, 18, 25, 30 और 31 जुलाई। इस माह में उपनयन हेतु शुभ मुहूर्त 5, 7, 11, 12, 26 और 27 जुलाई तथा वाहन क्रय हेतु शुभ मुहूर्त 4, 13, 17, 20, 21, 25 और 30 जुलाई है। प्रॉपर्टी क्रय हेतु शुभ मुहूर्त 5, 6, 10, 15, 24 और 25 जुलाई है।

जुलाई में मांगलिक कार्यों के लिए भले ही मुहूर्त न हो, लेकिन इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग का निर्माण हो रहा है। जुलाई में 5, 7, 12, 17, 18, 21, 24 और 30 तारीख को सर्वार्थ सिद्धि योग हैं। वहीं 21 और 24 जुलाई को अमृत योग रहेगा।

चातुर्मास में आने वाले तीज-त्यौहार

10 जुलाई गुरू पूर्णिमा, 11 जुलाई से श्रावण मास प्रारंभ, 14 जुलाई से बाबा महाकाल की श्रावण मास की पहली सवारी, 9 अगस्त को रक्षा बंधन, 15 एवं 16 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी, 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ, 2 अक्टूबर को विजयादशमी, 20 अक्टूबर को दीपावली, 1 नवंबर को देवप्रबोधिनी एकादशी। 02 नवंबर से मांगलिक कार्यो के शुभ मुहूर्त प्रारंभ।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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