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धूनी वाले दादाजी धाम में गुरु पूर्णिमा पर लगा भक्तों का तांता, पौने दो लाख लोगों ने किए दर्शन

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खंडवा, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के खंडवा में स्थित धूनी वाले दादाजी के दरबार में गुरु पूर्णिमा मनायी जा रही है। यहां अलसुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था, जो देर रात तक जारी है। यहां अलग-अलग क्षेत्रों से लोग आए। धूनीवाले मंदिर में दिन भर श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचे। शाम सात बजे तक यहां करीब पौने दो लाख लोगों ने दर्शन किए। मेले में भी लाखों श्रद्धालु पहुंचे। रात आठ बजे हजारों लोगों ने मंदिर परिसर में उपस्थित होकर आरती में सहभागिता की।

खंडवा में धूनी बाले दादा दरबार मे हर साल गुरु पूर्णिमा पर देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। गुरुवार सुबह 9 बजे तक दर्शनार्थियों को मेन गेट से प्रवेश दिया लेकिन भीड़ बढ़ने पर 6 नंबर गेट से प्रवेश शुरू किया गया। श्रद्धालुओं को सीधे समाधियों पर प्रणाम करने दिया जा रहा है, लेकिन फूलमाला, नारियल और चादर चढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि दर्शन व्यवस्था बाधित न हो। शाम तक यहां बड़ी संख्या में भक्तों ने मंदिर पहुंचकर दर्शन किया। इसके बाद गुरु-शिष्य की समाधि पर मत्था टेक कर धूनी माई में आहूति दी।

दादा धूनीवाले के भक्तों द्वारा जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया गया। नगर में 500 से ज्यादा जगहों पर भण्डारों का आयोजन हुआ। कहीं डोसा, मंगौड़ी, रोटी, पूड़ी-सब्जी सहित अलग-अलग प्रकार की प्रसादी वितरित की गई। सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने भण्डारों में पूड़ियां तलीं, रोटियां सेंककर प्रसादी वितरित की।

वहीं, दादाजी की समाधि पर फूल-माला, नारियल और चादर चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है। भक्त केवल सीधे समाधि को प्रणाम कर आगे बढ़ रहे हैं। ट्रस्टी शांतनु दीक्षित ने बताया कि समाधियों पर प्रसादी चढ़ाने से उसे हटाने में समय लगता है और भीड़ के चलते सेवा में बाधा आती है। इसी कारण यह निर्णय लिया गया है।

मंदिर में दर्शन व्यवस्था दो हजार सेवादार संभाल रहे हैं। वहीं कलेक्टर और एसपी भी निगरानी कर रहे हैं। ट्रस्टी सुभाष नागौरी के अनुसार, तीन दिवसीय गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया जा रहा है। दर्शन व्यवस्था के लिए दो हजार सेवादारों की तैनाती की गई है। मंदिर के पट 24 घंटे खुले रहते हैं।

दादाजी मंदिर में गुरू-पूर्णिमा महोत्सव का समापन मशाल जुलूस से होता आया हैं। जलगांव (महाराष्ट्र) के नीमगांव का एक जत्था पैदल खंडवा पहुंचता है और रात को 64 मशाल के साथ पांच बार मंदिर की परिक्रमा लगाता है लेकिन इस बार ने मशाल जुलूस की परमिशन नहीं दी। आयोजक लगातार परेशान हो रहे थे। इसकी वजह खंडवा में धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मशाल जुलूस में आगजनी की घटना होना हैं।

इस मामले में आयोजकों ने कलेक्टर ऋषव गुप्ता और एसपी मनोज कुमार राय ने मुलाकात की। कई तरह की दलीलें दी गई, लेकिन अफसरों ने साफ तौर पर कहा कि जुलूस नहीं निकाल सकते हैं। परंपरा टूटने की बात पर एसपी मनोज कुमार राय ने 11 लोगों के साथ मशाल जुलूस निकालने की बात कही। दरअसल, यह मशाल जुलूस पिछले 79 साल पुरानी परंपरा का प्रतीक हैं।

नगर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए 850 पुलिसकर्मी, 13 कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, जिलेभर के कोटवार, मुख्य चौराहों पर डीएसपी और टीआई स्तर के अफसर, मंदिर परिसर में कंट्रोल रूम बनाया गया। खंडवा एसपी मनोज कुमार राय ने कहा कि यह पर्व अद्भुत हैं, लाखों लोगों के बीच व्यवस्थाएं भी बेहतर है, यही वजह है कि कहीं भी भगदड़ जैसे हालात नहीं बने हैं। ऐसे मौके पर पुलिस प्रशासन की पूरी कोशिश हैं कि जो श्रद्धालु सुरक्षित आए हैं, वे अपने परिवार के साथ सुरक्षित अपने घर लौटे। पूरे शहर में 850 पुलिसकर्मी सेवा दें रहे हैं। स्वयंसेवक, ABVP कार्यकर्ता भी इस व्यवस्था में लगे हैं।

(Udaipur Kiran) तोमर

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