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वाराणसी: मंडलायुक्त ने रोपवे परियोजनाओं का किया स्थलीय निरीक्षण,साप्ताहिक कार्य की सूची बनाने के निर्देश

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—सभी रोपवे स्टेशनों के निर्माण कार्य के लिए समय सीमा

वाराणसी, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में निर्माणाधीन देश की पहली पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना धीरे—धीरे अन्तिम दौर में पहुंच रही है। कैंट से गोदौलिया के बीच शुरू होने वाली रोपवे परियोजना के विभिन्न स्टेशनों का रविवार को मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त ने वाराणसी कैंट, विद्यापीठ, रथयात्रा, जीजी और जीसी सहित सभी रोपवे स्टेशनों का निरीक्षण किया और प्रत्येक के लिए विशिष्ट निर्देश दिए।

उन्होंने सबसे पहले वाराणसी कैंट स्टेशन स्थित परियोजना के पहले स्टेशन का निरीक्षण कर इसके अग्रभाग और आंतरिक परिष्करण कार्य को सितंबर के अंत तक पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कार्यस्थल पर प्रतिदिन हाउसकीपिंग सुनिश्चित करने के साथ-साथ रेलवे विभाग और लोक निर्माण विभाग के सहयोग से यातायात संचलन योजना तैयार करने को कहा।

रोपवे के दूसरे स्टेशन विद्यापीठ में चल रहे कार्यो का अवलोकन करने के बाद शेष बचे कार्य सितंबर के अंत तक पूरा कर लेने का निर्देश दिया। इसी तरह तीसरे रथयात्रा स्टेशन का निरीक्षण कर शेष कार्य सितंबर के अंत तक पूरा करने को कहा। यहां भी लोक निर्माण विभाग, यातायात विभाग के साथ बैठक करके यातायात संचलन और संचलन योजना तैयार कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। गोदौलिया (जीजी) स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान गिरिजाघर पर हो रहे संरचनात्मक कार्यों की धीमी प्रगति पर उन्होंने यातायात विभाग को निर्देश दिया कि 28 अगस्त से रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक शिफ्टवार रोड ब्लॉक की व्यवस्था की जाए, ताकि 15 दिनों के भीतर निर्माण कार्य पूर्ण किया जा सके। जीसी स्टेशन पर पाइलिंग कार्य में अपेक्षित प्रगति न होने पर मंडलायुक्त ने नाराजगी जताई और साप्ताहिक कार्य योजना बनाने का निर्देश देते हुए अफसरों को नियमित व्यक्तिगत निरीक्षण करने को कहा।

कमिश्नर ने रोपवे परियोजना की समय-सीमा भी निर्धारित की। इसमें खंड 1 (वीसी – वाराणसी कैंट): 30 सितंबर 2025, खंड 2 (जीसी और जीजी): 12 दिसंबर 2025 तक का समय निर्धारित किया गया। बताते चले देश में पहली बार रोपवे अर्बन ट्रांसपोर्ट परियोजना का सुरक्षा परीक्षण आस्ट्रियाई इंजीनियर कर चुके हैं। निरीक्षण के दौरान परियोजना निदेशक एनएचएलएमएल पूजा मिश्रा, स्वतंत्र इंजीनियर जुआन एडुआर्डो, अर्दानुय से सौरभ चौबे, रियायतग्राही विश्व समुद्र से शांतनु मित्रा और शंभू चौधरी भी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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