जयपुर, 28 अप्रैल .
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 में राजस्थान रॉयल्स की हालत बेहद नाजुक हो गई है. नौ में से केवल दो मैच जीतकर टीम अंकतालिका में नीचे से दूसरे स्थान पर है. हालांकि अब भी गणितीय तौर पर प्लेऑफ की उम्मीद बची है, लेकिन गेंदबाजी कोच शेन बॉन्ड ने माना कि इस सीजन में टीम के लिए आगे का रास्ता मुश्किल नजर आ रहा है. बावजूद इसके उन्होंने भरोसा दिलाया कि बचे हुए पांच लीग मैचों में टीम और खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.
राजस्थान रॉयल्स ने हाल के कुछ मुकाबले बेहद करीबी अंतर से गंवाए हैं. शेन बॉन्ड ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, सबसे कठिन बात यह है कि हम लगभग 35 ओवरों तक मैच पर नियंत्रण में रहे, लेकिन आखिरी पलों में विपक्षी टीमें हमसे बेहतर साबित हुईं. अगर आप अंकतालिका देखें तो हम सोचते हैं कि हम कहां हो सकते थे, लेकिन अब कुछ नहीं किया जा सकता.
उन्होंने आगे कहा, शायद अब हम टूर्नामेंट से बाहर हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ दांव पर है. टीम के लिए सीजन को मजबूती से खत्म करना और व्यक्तिगत तौर पर भविष्य के लिए खुद को साबित करना जरूरी है.
इस सीजन में राजस्थान की मुश्किलें कई मोर्चों पर रही हैं. कप्तान संजू सैमसन चोट के कारण ज्यादातर समय टीम से बाहर रहे, जिसकी वजह से 22 वर्षीय रियान पराग को कप्तानी संभालनी पड़ी और 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी को ओपनिंग करनी पड़ी. हालांकि वैभव ने अपने हुनर की झलक दिखाई, लेकिन बाकी बल्लेबाजों की असंगत प्रदर्शन ने टीम को नुकसान पहुंचाया.
राजस्थान अब तक पांच बार लक्ष्य का पीछा करते हुए हार चुका है. पावरप्ले में सबसे तेज रन बनाने के बावजूद, टीम मिडिल और डेथ ओवर्स में रन गति बनाए रखने में असफल रही है. स्पिनर्स का प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा, जिनकी इकॉनमी रेट (9.16) और स्ट्राइक रेट (23) लीग में सबसे खराब में शामिल हैं.
बॉन्ड ने अपनी गेंदबाजी इकाई का बचाव करते हुए कहा, हाल के तीन मैचों में हमने विपक्षी टीमों को ऐसे स्कोर पर रोका जिसे हम आसानी से चेज़ कर सकते थे. हमने मौके गंवाए, खासकर बल्लेबाजी में.
जोफ्रा आर्चर ने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन उतनी नियमितता से विकेट नहीं निकाल पाए जितनी गुजरात टाइटंस के प्रसिद्ध कृष्णा ने. वहीं तुषार देशपांडे और संदीप शर्मा भी निर्णायक क्षणों में प्रभावी साबित नहीं हो पाए.
गुजरात टाइटंस के खिलाफ सोमवार को होने वाला मुकाबला राजस्थान के लिए ‘करो या मरो’ जैसा होगा. हारने पर प्लेऑफ की आखिरी उम्मीद भी टूट जाएगी, लेकिन जीतने पर टीम कुछ समय के लिए दौड़ में बनी रह सकती है.
शेन बॉन्ड ने कहा, पिछले साल हमने घर पर लगभग सारे मैच जीते थे. इस बार बदलाव आया है, और कई टीमें घरेलू परिस्थितियों के अनुकूल नहीं हो पाईं. अब हमारा पहला लक्ष्य सीजन को सम्मानजनक तरीके से खत्म करना है. खिलाड़ियों का जज्बा और मेहनत आखिरी दिन तक बनी रहेगी.
—————
दुबे
You may also like
Samsung Galaxy S25 Edge Dummy Unit Surfaces in Hands-On Video: Slim Design Compared to iPhone 16 Plus
सुहागरात मनाने कमरे में घुसी दुल्हन, सुबह दुल्हन फुट फुट कर रोने लगी, दूल्हे ने ऐसा क्या कर दिया कांड? जानिए अभी▫ ⤙
IT सेक्टर की शानदार वापसी, वैल्यू ₹2.32 लाख करोड़ बढ़ी, जानें क्या ये निवेश का सुनहरा मौका या अस्थायी तेजी?
Microsoft Rolls Out Recall and New AI Features for Copilot+ PCs: Here's What's New
लखनऊ के फैजुल्लागंज में आग से 70 झोपड़ियां जलकर राख