भारत के लाखों युवाओं के लिए रेलवे में सरकारी नौकरी का सपना अब हकीकत के करीब है। रेल मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 50,000 से अधिक पदों पर भर्ती की घोषणा की है, जो नौकरी की तलाश कर रहे उम्मीदवारों के लिए एक शानदार अवसर है। यह पहल न केवल रोजगार के नए दरवाजे खोलेगी, बल्कि देश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। आइए, इस भर्ती प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।
रेलवे में भर्ती का नया दौररेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने नवंबर 2024 से अब तक 55,197 पदों के लिए सात अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं। मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष की पहली तिमाही में ही 9,000 से अधिक उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपे जा चुके हैं। इन भर्तियों के लिए 1.86 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों ने कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं (सीबीटी) दी हैं, जो रेलवे की भर्ती प्रक्रिया की व्यापकता और लोकप्रियता को दर्शाता है। रेलवे ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष रहे।
भविष्य की योजनाएं: 2026-27 में भी बंपर भर्तियांरेल मंत्रालय ने भविष्य की योजनाओं को साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2026-27 में भी 50,000 से अधिक पदों पर भर्तियां की जाएंगी। पिछले कुछ वर्षों में आरआरबी ने कुल 1,08,324 पदों के लिए 12 अधिसूचनाएं जारी की हैं, जो इसकी व्यापक योजना का हिस्सा हैं। रेलवे का वार्षिक कैलेंडर इस बात का प्रमाण है कि मंत्रालय भर्ती प्रक्रिया को व्यवस्थित और समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह उन उम्मीदवारों के लिए सुनहरा मौका है जो लंबे समय से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं।
उम्मीदवारों के लिए सुविधा और समावेशितारेलवे ने इस बार भर्ती प्रक्रिया को और अधिक सुगम और समावेशी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। खास तौर पर, उम्मीदवारों को उनके घर के नजदीक परीक्षा केंद्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे उनकी यात्रा और समय की बचत हो रही है। इसके अलावा, महिलाओं और दिव्यांग (पीडब्ल्यूबीडी) उम्मीदवारों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया है कि अधिक संख्या में परीक्षा केंद्र और प्रशिक्षित स्टाफ की व्यवस्था हो, ताकि किसी भी उम्मीदवार को असुविधा न हो।
तकनीक के साथ पारदर्शितापरीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए रेलवे ने अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है। पहली बार ई-केवाईसी आधारित आधार प्रमाणीकरण प्रणाली लागू की गई है, जिसने 95% से अधिक सफलता हासिल की है। इसके साथ ही, नकल और अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर 100% जैमर की व्यवस्था की गई है। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का दुरुपयोग न हो और हर उम्मीदवार को समान अवसर मिले।
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