15 अगस्त 2025 को देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। अपने भाषण की शुरुआत में उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और इस दिन के ऐतिहासिक महत्व को याद किया। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें आजादी के नायकों की कुर्बानियों को सम्मान देने का अवसर देता है।
सशस्त्र बलों की तारीफप्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों की बहादुरी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि हमारे जवान देश की सुरक्षा और सम्मान के सच्चे प्रहरी हैं। उनकी मेहनत और समर्पण के कारण ही आज भारत सुरक्षित और गौरवशाली है।
आत्मनिर्भर भारत का सपनापीएम मोदी ने ‘आत्मनिर्भरता’ को भारत की प्रगति का आधार बताया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब सिर्फ आर्थिक विकास या आयात-निर्यात तक सीमित नहीं है। यह हर भारतीय, हर क्षेत्र और हर वर्ग की समग्र तरक्की का रास्ता है। उन्होंने ‘विकसित भारत’ के अपने विजन को दोहराते हुए कहा कि भारत तभी सच्चा विकसित राष्ट्र बनेगा, जब हमारे किसान, पशुपालक और मछुआरे खुशहाल और सुरक्षित होंगे।
किसानों के लिए बड़ा वादाकिसानों के हितों पर बात करते हुए पीएम ने साफ कहा, “मैं किसानों के हितों के खिलाफ किसी भी नीति के सामने दीवार बनकर खड़ा रहूंगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपने किसानों के हितों की रक्षा में कभी समझौता नहीं करेगा। पीएम ने किसानों के योगदान को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया और कहा कि पिछले साल किसानों ने अनाज उत्पादन में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। यह उनकी मेहनत, तकनीकी जानकारी और बेहतर संसाधनों का नतीजा है।
कृषि क्षेत्र में सुधार
इस सफलता के पीछे सरकार की कई पहलें हैं। पीएम ने बताया कि सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, पानी की उपलब्धता, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज और उर्वरक, और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने से यह संभव हुआ। इन प्रयासों से देश की खेती की ताकत कई गुना बढ़ी है, और उत्पादन में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
हरियाणा के किसानों ने पीएम के भाषण पर खुशी जताई। उनका कहना है कि आज किसान पहले से ज्यादा खुशहाल हैं। चाहे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) हो, खाद, पानी या बिजली की सप्लाई, सरकार ने इनका पूरा ध्यान रखा है। किसानों का मानना है कि केंद्र सरकार की नीतियों से उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी है और खेती में उत्पादकता बढ़ी है। किसान संगठनों ने भी माना कि हाल के वर्षों में कृषि क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं, जिससे गाँवों की अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिली है।
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