करौली न्यूज़ डेस्क, करौली जिले के सबसे बड़े पांचना बांध पर पर्यटकों को लुभाने के लिए शुरू किए गए पर्यटन विकास के कार्य मंथर गति से रेंग रहे हैं। इसके चलते कार्यों की समयावधि पूर्ण होने के बाद भी अब तक महज चंद कार्य हो पाए हैं। असल में विशेष रूप से अन्य कार्यों के साथ बांध पर पार्क का निर्माण होना है, लेकिन पार्क निर्माण में भूमि का रोड़ा बना हुआ है। अब स्थिति यह आई है कि यदि शीघ्र पार्क के लिए भूमि का आवंटन नहीं हुआ तो पर्यटन विकास के कार्यों को आधी-अधूरी स्थिति में ही बंद करना पड़ सकता है।
कार्यकारी एजेंसी जल संसाधन विभाग सूत्रों के अनुसार पांचना बांध पर पर्यटन विकास कार्यों की वर्ष 2022-23 में स्वीकृति मिली थी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से करीब एक करोड़ 39 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया। एक फर्म को कार्यों का टेण्डर स्वीकृत करते हुए मार्च 2023 में कार्यादेश भी जारी कर दिए गए। इसके बाद संवेदक फर्म ने कार्य भी शुरू दिए। जल संसाधन विभाग की ओर से कई बार पार्क के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखे हैं, लेकिन डेढ़ वर्ष में भी भूमि नहीं मिल पाई है।
ये होनेे हैं विकास कार्य
पर्यटन विकास कार्यों के तहत बांध क्षेत्र में एक पार्क विकसित करना है, जिसके लिए भूमि की आवश्यकता है। इस पार्क में चारदीवारी, घूमने के लिए ट्रेक, दो हट, तीन दुकान, झूले, टॉयलेट आदि का निर्माण किया जाना है। इसके अलावा पांचना बांध के घाटों पर सीढिय़ों का निर्माण, टॉयलेट निर्माण, बड़ा पांचना पुल पर सीढिय़ों की मरम्मत, चेंज रूम आदि कार्य होने हैं। इनमें से अब तक बांध पर घाटों का निर्माण, टॉयलेट स्ट्रेक्चर, लाइन फिटिंग आदि का कार्य ही हो पाया है।विभागीय सूत्र बताते हैं कि पर्यटन विकास कार्यों के तहत बनने वाले पार्क में भूमि आवंटन का रोड़ा बना हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से बांध क्षेत्र में भूमि चिन्हित करते हुए आवंटन के लिए राजस्व विभाग को भिजवाई थी, लेकिन शासन उपसचिव की ओर से कलक्टर को भेजे गए पत्र में उक्त भूमि को चारागाह किस्म की होने के कारण आवंटन नहीं होने की बात कही गई है। साथ ही पार्क के लिए सिवायचक भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव भिजवाने के लिए लिखा गया। ऐसे में फिलहाल पार्क निर्माण का मामला अटक गया है।
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