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बदलापुर एनकाउंटर की जांच सीआईडी करेगी, विपक्ष ने उठाए मुठभेड़ पर ये सवाल

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BBC अक्षय शिंदे की मौत के मामले की जाँच सीआईडी को सौंपी गई है

महाराष्ट्र के एक स्कूल में लड़कियों से यौन शोषण मामले के अभियुक्त अक्षय शिंदे की मौत की जांच सीआईडी यानी क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट को सौंपी गई है.

बीबीसी मराठी के मुताबिक सीआईडी केस का चार्ज अपने पास लेने के लिए मुंबई पुलिस स्टेशन पहुंच चुकी है.

सोमवार को अक्षय शिंदे की गोलीबारी में मौत हो गई थी. पुलिस के मुताबिक़ जब वो शिंदे को तलोजा जेल से ले जा रही थी, तो उसने पुलिस से बंदूक छीन ली और पुलिस पर ही गोली चला दी.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मुताबिक़ पुलिस ने जब आत्मरक्षा में गोली चलाई तो अक्षय शिंदे की मौत हो गई. मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि इस घटना में पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे.

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अब इस मामले में बदलापुर के संबंधित स्कूल के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के अध्यक्ष उदय कोटवाल और सचिव तुषार आप्टे के खिलाफ सह-आरोपी के रूप में पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया गया है.

उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी है. इस मामले की सुनवाई एक अक्तूबर को है.

फायरिंग के बाद अक्षय शिंदे को कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल ले जाया गया. पुलिस ने बताया कि इलाज के दौरान अक्षय की मौत हो गई.

इसके बाद सुबह जज की मौजूदगी में एफ़आईआर दर्ज़ की गई. अक्षय शिंदे के शव का पोस्टमार्टम जे.जे. अस्पताल में किया जाएगा.

ये भी पढ़ें image BBC अक्षय शिंदे की मौत पर सुबह जज की मौजूदगी में एफ़आईआर दर्ज़ की गई पुलिस उपायुक्त ने क्या कहा?

पुलिस उपायुक्त संजय जाधव ने बीबीसी मराठी को बताया, "आरोपी अक्षय शिंदे को पुलिस तलोजा जेल से ले जा रही थी, तभी गोलीबारी की घटना हुई, जिसमें उसकी मौत हो गई."

ठाणे पुलिस ने बताया, "बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ़्तार आरोपी अक्षय शिंदे ने पुलिस से बंदूक छीन ली और पुलिस की गाड़ी के अंदर गोलियां चला दीं."

पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ में पुलिसकर्मी भी घायल हुए और पुलिस की जवाबी फायरिंग में अक्षय शिंदे की मौत हो गई.

ठाणे पुलिस ने क्या कहा?

अक्षय शिंदे मामले पर ठाणे पुलिस कमिश्नरेट ने एक बयान जारी करके इसकी जानकारी दी.

इसमें कहा गया, ''24 वर्षीय अक्षय शिंदे के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद, ठाणे से पुलिस अधिकारी और एक टीम ट्रांसफर वारंट के साथ तलोजा सेंट्रल जेल गई."

"शाम 5.30 बजे, पुलिस टीम ने आरोपी को तलोजा सेंट्रल जेल से हिरासत में लिया और उसे लगभग 06.00 से 06.15 बजे के आसपास ठाणे ले जाया गया, मुंब्रा बाईपास पर एक पुलिस की गाड़ी आई."

पुलिस ने कहा, ''आरोपी अक्षय शिंदे ने सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे की सर्विस पिस्तौल निकाल ली और पुलिस पर गोली चला दी. अक्षय ने पुलिस टीम की ओर कुल तीन राउंड फायरिंग की. उनमें से एक नीलेश मोरे की बाईं जांघ में लगी.''

"पुलिस दस्ते के एक अधिकारी ने आत्मरक्षा में आरोपी पर गोली चलाई और अक्षय शिंदे की मौत हो गई. घायल नीलेश मोरे का ठाणे के ज्यूपिटर अस्पताल में इलाज चल रहा है और अक्षय शिंदे को मृत घोषित कर दिया गया है."

image Thane Police ठाणे पुलिस कमिश्नरेट की शीट गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने क्या कहा?

अक्षय शिंदे के एनकाउंटर के बाद गृह मंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, "अक्षय शिंदे की पूर्व पत्नी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी. पुलिस मामले की जांच के लिए उसे वारंट पर ले जा रही थी."

"उसने पहले पुलिस की बंदूक छीनी और गोली चलाने की कोशिश की और उसने पुलिस पर गोली चला दी. पुलिस ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की. अक्षय शिंदे को अस्पताल ले जाया गया, जिसके बाद आरोपी की मौत हो गई.''

सुषमा अंधारे ने उठाए ये 5 सवाल image BBC सुषमा अंधारे ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फड़णवीस के इस्तीफ़े की मांग की है

इस घटना पर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे की उपनेता सुषमा अंधारे ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फड़णवीस के इस्तीफे की मांग की है.

सुषमा अंधारे ने कहा, "बदलापुर बलात्कार मामले का आरोपी अक्षय शिंदे कोई महात्मा नहीं है. उसे मौत की सज़ा दी जानी चाहिए, लेकिन सज़ा देते समय उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए."

उन्होंने कहा, "यहां तक कि इस देश के दुश्मन कसाब को फांसी देते समय भी पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया था. अक्षय शिंदे मामले में भी यही प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी."

अंधारे ने इस मुठभेड़ के बारे में ये सवाल पूछे हैं-

-उल्लेखनीय है कि हैदराबाद बलात्कार मामले के बाद चारों के एनकाउंटर के मामले में इस्तेमाल की गई आत्मरक्षा की वही स्क्रिप्ट इस मामले में इस्तेमाल की गई है.

-अगर अक्षय शिंदे इतना हिंसक और अपराधी था, तो पुलिस ने उसे ले जाते समय पर्याप्त सावधानी क्यों नहीं बरती?

-क्या अक्षय शिंदे के लिए यह संभव है कि वह पुलिसकर्मी की कमर से बंदूक निकालकर पुलिसवालों पर गोली चला दे, जबकि उसके दोनों हाथों में हथकड़ी लगी हो?

-अक्षय शिंदे ने एक पुलिसकर्मी के पैर में गोली मार दी, लेकिन पुलिसकर्मी ने अक्षय शिंदे को सही दिशा में गोली मार दी और उसकी जान चली गई. यह कैसे हो गया?

-इस पूरे मामले में लागू की जा रही पूरी जांच व्यवस्था पहले दिन से ही सवालों के घेरे में थी. पुलिस की जांच ही संदिग्ध तरीके से चल रही थी. बदलापुर कांड से जुड़े स्कूल के संचालक आप्टे अभी भी फरार हैं. उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?

सुषमा अंधारे ने कहा कि इन सभी सवालों का जवाब पुलिस ने नहीं दिया है.

उन्होंने मांग की कि इस मामले में ढिलाई बरतने वाले इन सभी पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए और सभी का नार्को टेस्ट होना चाहिए.

राजनीतिक नेताओं ने क्या कहा?

नेशनलिस्ट पार्टी (शरद चंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, ''बदलापुर में दो बच्चों के साथ हुए अन्याय को कानून के उचित दायरे में रहकर अंजाम दिया जाना चाहिए था. लेकिन, इस घटना के मुख्य आरोपी को स्थानांतरित करने में गृह विभाग ने जो ढिलाई दिखाई है. संदेहास्पद है.''

इस मामले पर महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने घटना की 'न्यायिक जांच' की मांग की है.

विजय वडेट्टीवार ने कहा, "क्या अक्षय शिंदे द्वारा गोली चलाना सबूत मिटाने की कोशिश है? आखिर अक्षय शिंदे ने गोली कैसे चलाई? क्या आरोपी अक्षय को तब हथकड़ी नहीं लगाई गई थी, जब वह पुलिस हिरासत में था? उसके पास बंदूक कैसे आई? पुलिस इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है?"

उन्होंने कहा, ''बदलापुर मामले में एक ओर संस्था के संचालकों के भाजपा से जुड़े होने पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती, वहीं दूसरी ओर आज आरोपी अक्षय शिंदे द्वारा खुद को गोली मार लेना, बेहद चौंकाने वाला और संदेहास्पद है.''

विजय वडेट्टीवार ने कहा, "हमें शुरू से ही बदलापुर मामले में पुलिस की भूमिका पर कोई भरोसा नहीं है. हमारी मांग है कि अब इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए."

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने भी कहा, ''बदलापुर के हत्यारे को उसके द्वारा किए गए अमानवीय हरकत के लिए कानून के दायरे में फांसी दी जानी चाहिए थी. लेकिन आज शाम जो हुआ वह लापरवाही और संदेहास्पद है. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए."

बदलापुर में क्या हुआ था? image राहुल रणभुसे/बीबीसी बदलापुर यौन शोषण मामले में रिपोर्ट में देरी की ख़बरों के बाद लोग सड़कों पर आ गए थे

16 अगस्त, 2024 को मुंबई के पास ठाणे जिले के बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया था.

16 अगस्त को पीड़ित लड़की के माता-पिता केस दर्ज कराने थाने पहुंचे, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्हें क़रीब 12 घंटे तक बैठाए रखा गया. पुलिस प्रशासन की देरी की वजह से तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया.

16 अगस्त को अभिभावकों ने बदलापुर पूर्वी थाने में स्कूल की अज्ञात छात्रा इस्मा के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया था. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में स्कूल के सफाई कर्मचारी को गिरफ़्तार कर लिया.

पुलिस ने स्कूल के सफाई कर्मचारी पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया था. जब दो छोटी लड़कियाँ अपनी परीक्षा देने जा रही थीं, तो उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप स्कूल के एक चौकीदार पर लगाया गया था.

इस घटना के बाद पूरे राज्य में गुस्से की लहर दौड़ गई. बदलापुर के हजारों नागरिक विरोध के लिए सड़कों पर उतर आये. बदलापुर रेलवे स्टेशन पर नागरिकों ने रेलवे ट्रैक पर उतरकर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया.

बीबीसी मराठी को मिली जानकारी के मुताबिक, माता-पिता ने पुलिस से शिकायत की और कहा कि पीड़ित बच्ची साढ़े तीन साल की है और बदलापुर में अपने दादा-दादी के घर पर रहती है. 'दादा-दादी को शक हुआ तो उन्होंने अचानक मां को फोन किया और कार्यस्थल से घर बुला लिया.'

जब मां ने लड़की से पूछा तो उसने बताया कि उसके प्राइवेट पार्ट में दर्द होता है. लड़की ने स्कूल में 'दादा' नाम के लड़के के व्यवहार के बारे में भी बताया.

जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो-यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 65(2), 74, 75, 76 के तहत मामला दर्ज किया.

पुलिस की कार्रवाई के बाद अभिभावकों ने भी स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिला कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है.

गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी (विशेष जांच दल) के गठन का निर्देश दिया था.

साथ ही ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. इसमें बदलापुर थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, सहायक पुलिस उपनिरीक्षक और हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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