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Success Story: राजस्थान की तपती जमीन पर उगा दिए सेब, फलों की खेती से लाखों रुपये कमाती है यह महिला

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नई दिल्ली: अगर आपसे कहा जाए कि देश में सेब की खेती किस राज्य में होती है तो आप कश्मीर या हिमाचल प्रदेश का नाम लेंगे। वहीं आपसे कहा जाए कि राजस्थान में भी सेब की खेती होती है तो आप चौंक जाएंगे। सोचेंगे कि ठंडे प्रदेशों में उगने वाला सेब राजस्थान की तपती जमीन पर भला कैसे उग सकता है। लेकिन यह 100 फीसदी सच है। और इसे सच कर दिखाया है संतोष देवी खेदड़ (Santosh Devi Khedar) ने। संतोष देवी राजस्थान के सीकर में फलों की खेती करती हैं। इनके खेत में सेब के 100 पेड़ हैं। खास बात यह है कि यह ऑर्गेनिक खेती करती हैं। प्रत्येक पेड़ से सालाना 80 किलो सेब की पैदावार होती है। खेती के अलावा संतोष देवी नर्सरी का भी कारोबार करती हैं। फलों की खेती और नर्सरी से संतोष देवी सालाना करीब 40 लाख रुपये का कारोबार करती हैं। 50 डिग्री तापमान में खेतीसंतोष देवी राजस्थान के सीकर के बेरी गांव में रहती हैं। उन्होंने सेबों की खेती साल 2015 में शुरू की थी। उस दौरान उन्होंने 1.25 एकड़ के खेत के एक हिस्से में सेब के 100 पौधे लगाए थे। यहां सेब की खेती करना बड़ी चुनौती थी क्योंकि सेब की खेती ठंडे प्रदेश में की जाती है। उनके गांव में गर्मियों के मौसम में तापमान 45 डिग्री के करीब तक पहुंच जाता है। संतोष देवी बताती हैं कि वह खास किस्म के खेब उगाती हैं। ये HRMNN 99 किस्म के सेब होते हैं। ये ऐसे सेब हैं जिनकी पैदावार अधिक तापमान में होती है। वह कहती हैं कि इन सेबों को हिमाचल प्रदेश के एक किसान ने विकसित किया था। साथ ही अहमदाबाद स्थित नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) ने इसका सपोर्ट किया था। खुद पर किया भरोसासंतोष देवी को भरोसा था कि वह सीकर में इतनी गर्मी में सेब की खेती कर लेंगी। उन्हें ऑर्गेनिक खेती का भी अनुभव था। अनुभव और भरोसा के बदल पर उन्होंने लगभग नामुमकिन से काम को मुमकिन कर दिखाया। वह बताती हैं कि जब मिट्टी को ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किया जाता है और केमिकल का इस्तेमाल न किया जाए तो किसी भी चीज की खेती आराम से की जा सकती है। अन्य फलों की भी खेतीसंतोष देवी के पास अनार के भी 220 पौधे हैं। प्रत्येक पौधे से सालाना करीब 60 किलो अनार मिलते हैं। इसके अलावा वह जैविक मौसमी, किन्नू, नींबू और चीकू भी उगाती हैं। वह अनार को 200 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बेचती हैं। वह पौधों की नर्सरी से भी अच्छी कमाई करती हैं। संतोष बताती हैं कि वह नर्सरी के जरिए फलों के पौधे बेचती हैं। इनमें केसर आम, चीकू, मौसमी, सेब, अमरूद, अनार और नींबू शामिल हैं। नर्सरी ने वह लगभग 25 लाख रुपये सालाना की कमाई करती हैं। नर्सरी आय का सबसे बड़ा स्रोत है। बाकी की आय फलों की बिक्री से होती है। कितनी होती है कुल कमाई?संतोष कहती हैं कि वह सेब को 150 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम की दर बेचती हैं। वह बताती है कि खरीदार जैविक सेब खरीदने के लिए उनके शेखावाटी कृषि फार्म और नर्सरी में आते हैं। वह कहती हैं कि इन सेबों का स्वाद अन्य किस्म के सेबों की तुलना में ज्यादा मीठा होता है। फलों की बिक्री और नर्सरी से वह सालाना करीब 40 लाख रुपये की कमाई करती हैं।
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