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टाटा, बिड़ला और अंबानी... सब रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में उतरने को तैयार, जानिए कितना बड़ा है इसका मार्केट

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नई दिल्ली: आपने कभी न कभी किसी रेस्टोरेंट में परिवार के साथ खाना खाया होगा। यह भी सुना होगा कि रेस्टोरेंट यानी खाने के कारोबार में बड़ा फायदा है। शायद इसी वजह से देश के बड़े अरबपति टाटा, बिड़ला और अंबानी भी इस करोबार में एंट्री करने की तैयारी कर रहे हैं। देश में तेजी से बढ़ रहे रेस्टोरेंट सेक्टर का ये उद्योग घराने भी हिस्सा बनना चाह रहे हैं। हालांकि इनका बिजनस मॉडल कैसा होगा, अभी इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। कोविड के बाद बढ़ी रफ्तारकोविड के समय रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ा था। लेकिन अब इसमें तेजी से ग्रोथ दिखाई दे रही है। आने वाले समय में इसमें ग्रोथ और तेजी से होने का अनुमान है। ऐसे में कई कॉर्पोरेट इस कारोबार में एंट्री करने की तैयारी में लगे हैं। कह सकते हैं कि रेस्टोरेंट इंडस्ट्री को कॉर्पोरेट बनाने की होड़ शुरू हो गई है। यही कारण है कि आदित्य बिड़ला, रिलायंस और टाटा ग्रुप जैसी प्रमुख कॉर्पोरेट्स इस ऑर्गेनाइज्ड डाइनिंग सेक्टर में प्रवेश कर रहे हैं। क्या है प्लान?तीनों ग्रुप (आदित्य बिड़ला, रिलायंस और टाटा) ने रेस्टोरेंट के कारोबार में उतरने की पूरी तैयारी कर ली है। आदित्य बिड़ला न्यू एज हॉस्पिटैलिटी वेंचर्स (ABNAH) ने KA हॉस्पिटैलिटी में 100% हिस्सेदारी हासिल की है। इसके पास घरेलू ब्रांड CinCin और तीन ग्लोबल रेस्टोरें ब्रांड - Yauatcha, Hakkasan और Nara के फ्रेंचाइजी राइट्स हैं।ABNAH प्रीमियम सेगमेंट में है। इसने पिछले महीने शेफ राहुल अकेरकर और मुख्तार कुरैशी द्वारा संचालित ओडे और वारसा ब्रांड को भी अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा है। वहीं रिलायंस और टाटा ग्रुप ने रेस्टोरेंट में बढ़ती लोगों की संख्या और पसंद को देखते हुए इस सेक्टर में कदम रखा है। आखिर क्यों है रेस्टोरेंट सेक्टर पर नजर?
  • लोगों की आय बढ़ रही है और वे घर से बाहर रेस्टोरेंट में जाकर खाना पसंद कर रहे हैं।
  • बिड़ला ग्रुप से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक लोग अब औसतन महीने में आठ बार बाहर खाना खाते हैं।
  • इन ग्रुप की नजर युवाओं पर भी है। बिड़ला ग्रुप के एक अधिकारी के बताया कि ग्रुप ऐसे नए ब्रांड भी पेश कर रहा है जो युवाओं को आकर्षित करते हैं।
किस ग्रुप का किसे ब्रांड के साथ लिंक? टाटा ग्रुप: टाटा कंज्यूमर के साथ स्टारबक्स का जॉइंट वेंचर है। स्टारबक्स के देश में लगभग 440 कैफे हैं। इस साल की शुरुआत में स्टारबक्स ने घोषणा की कि वह 2028 तक 1000 कैफे संचालित करेगा। ऐसे में यह भारत में हर तीसरे दिन एक नया स्टोर खोलेगा। रिलायंस ग्रुप: ब्रिटिश कॉफी और सैंडविच चेन प्रेट ए मैन्जर (Pret A Manger) का रिलायंस के साथ फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट है। इसने अप्रैल में अपना 13वां स्टोर खोला था। समझौते के तहत यह अगले 5 वर्षों में 100 स्टोर तक लॉन्च करने की योजना बना रहा है। वहीं रिलायंस रिटेल मिलान स्थित अरमानी/कैफे को भारत में लाया है। भारत का पहला अरमानी/कैफे पिछले महीने मुंबई में खुला था। बिड़ला ग्रुप: यह ग्रुप भारत में फूड और बेव्रेज ब्रांडों को बढ़ाना चाहता है। ग्रुप ने कहा कि उनकी रणनीति में उनके मौजूदा पोर्टफोलियो को नए बाजारों में विस्तारित करना शामिल है। साथ ही यह ग्रुप नए ब्रांड भी शुरू करना चाहता है। कितना बड़ी है रेस्टोरेंट इंडस्ट्री?जब इतने बड़े ब्रांड रेस्टोरेंट सेक्टर में उतरने की तैयारी कर रहे हैं तो सवाल उठता है कि आखिर भारत में रेस्टोरेंट का कारोबार कितना बड़ा है। भारत की फूड सर्विस इंडस्ट्री वित्त वर्ष 24 में 65 बिलियन डॉलर की थी। यह एक ऑर्गेनाइज्ड इंडस्ट्री है जो 8% की CAGR से बढ़ रही है। इंडस्ट्री का संगठित हिस्सा (इसमें फाइन, कैजुअल डाइनिंग, कैफे से लेकर क्विक सर्विस रेस्टोरेंट शामिल हैं) वित्त वर्ष 19 में कुल मार्केट का 35% था। एक साल में इसमें तेजी आई है और यह बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 40% से ज्यादा हो गया। होटल एडवाइजरी फर्म नोएसिस (Noesis) के वित्त वर्ष 28 तक इसमें 53% वृद्धि होने की उम्मीद है।
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