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गाजियाबाद में अफसरों के सामने कारोबारी ने उतार दिए थे कपड़े, अब वित्त मंत्रालय ने तलब की रिपोर्ट

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गाजियाबाद: मोहननगर के राज्यकर विभाग में व्यापारियों के साथ हुए विवाद का मामला काफी गरमा गया है। सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद अब भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने भी इस प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है। सेंट्रल जीएसटी के मेरठ मंडल में बैठने वाले कमिश्नर से इस मामले की डिटेल रिपोर्ट देने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि गाजियाबाद के सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों ने स्टेट जीएसटी के अधिकारियों से इस प्रकरण में रिपोर्ट लेकर भेजी है।दूसरी तरफ अब विभाग में यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि मोहननगर के मोबाइल विंग यूनिट-7 में तैनात सीटीओ दुर्गेश त्रिपाठी का प्रमोशन करके शासन ने असिस्टेंट कमिश्नर बना दिया है लेकिन इसके बाद भी वह अभी तक सीटीओ का ही काम कर रहे हैं। अडिशनल कमिश्नर ओपी तिवारी ने बताया कि शासन के प्रमोशन के आदेश में यह कहा गया था कि जब तक किसी की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक वह यह काम देखते रहेंगे। इस वजह से वह यह काम देख रहे हैं। वहीं, जब उनके पूछा गया कि वहां पर तो दो सीटीओ को तैनात किया चुका है तब फिर उन्हें वहां से हटाया क्यों नहीं गया। इस पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इतना जरूर कहा कि जल्द ही उन्हें यहां से हटाया जाएगा। अडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 दिनेश कुमार मिश्रा का कहना है कि इस प्रकरण में यदि कोई गलत तरीके से कहीं काम कर रहा है तो उसे तत्काल प्रभाव से वहां से हटाया जाएगा। मालूम हो कि पहले भी यूनिट-2 में कार्यरत सीटीओ चंद्रशेखर के प्रमोशन पर भी शासन की तरफ से ऐसा ही आदेश जारी किया गया था लेकिन जब वहां दो सीटीओ की तैनाती हो गई तो उन्हें तत्काल प्रभाव से मोहननगर के मोबाइल विंग से हटा दिया गया था। मोबाइल विंग में तैनाती को रहती है मारामारीराज्य कर विभाग के मोबाइल विंग में तैनाती को लेकर विभाग में मारामारी रहती है। नियम है कि इस विंग में एक साल तक ही किसी को तैनात किया जा सकता है। बावजूद इसके अधिकारी शासन स्तर पर जुगाड़ लगाकर लंबे समय तक मोबाइल विंग में तैनात रहते हैं। हालांकि मोबाइल विंग में तैनाती के लिए यह मारामारी क्यों रहती है, यह विषय सोचनीय है। कई अधिकारियों का यहां से तय समय पर ट्रांसफर हो जाता है तो भी वह जुगाड़ लगातार मोबाइल विंग से अपने आप को अटैच करवा लेते हैं। जिसके चलते वहां का काम देखते रहते हैं। 'विभाग की छवि खराब करने को किया हंगामा'राज्य कर विभाग की तरफ से इस प्रकरण में साहिबाबाद थाने में हंगामा करने वाले व्यापारियों पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई है। साथ ही कहा कि व्यापारी एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है। विभाग की छवि खराब करने के लिए इस तरह का हंगामा किया गया है। यदि व्यापारी को किसी भी प्रकार की दिक्कत थी तो उच्चाधिकारियों को बताने के साथ ही मुख्यालय को भी बता सकते थे। फिर उस प्रकरण में नियमानुसार कार्रवाई की जाती। क्‍या था वायरल वीडियो में?दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 5 मिनट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो गाजियाबाद के मोहन नगर चेक पोस्ट कार्यालय का बताया जा रहा है। इसके मुताबिक, अक्षय जैन नाम का एक कारोबारी दफ्तर के अंदर कपड़े उतारकर जमीन पर बैठा दिख रहा है। वीडियो में जैन कह रहे हैं, मेरे पास हैं ही नहीं पैसे। दो लाख रुपये कहां से देंगे। इस दौरान वह एक-एक करके कपड़े भी उतारते रहे और कहा कि मैं यहीं दिगंबर अवस्था में बैठूंगा। इस दौरान जीएसटी दफ्तर में मौजूद कर्मचारी उन्हें मनाने की भी कोशिश करते दिखे। सपा मुखिया की पोस्ट से गंभीर हुआ मामलाव्यापारियों के हंगामे के मामले को सपा मुखिया द्वारा अपने एक्स हैंडल से वायरल किया है। उन्होंने लिखा कि ये है भाजपा राज में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का सच, भाजपा ने व्यापारियों के कपड़े तक उतरवा लिए हैं। व्यापारी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा। इसके बाद शासन स्तर मामला गरमा गया है। जिसके चलते गाजियाबाद के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार इस प्रकरण में रिपोर्ट मांगी जा रही है।
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